कुंडली में पितृ दोष कैसे पता करें -
जब जातक की जन्म पत्रिका/कुंडली में शनि और सूर्य एक हीं घर में एक साथ हो, सूर्य और राहु एक साथ एक हीं घर में हो, सूर्य और केतु एक साथ एक ही घर में हो,
सूर्य पर राहु केतु या शनि की पूर्ण दृष्टि पड़ रही हो कुंडली के नवम एवं दसवें घर में सूर्य किसी भी कारण से पीड़ित हो या नवम एवं दशम घर अत्याधिक दोष युक्त हो
या पीड़ित हो तो जातक को जन्म से हीं पितृ दोष लगा हुआ है ऐसा समझना चाहिए और पितृ दोष निवारण हेतु शीघ्र पूजा हरिद्वार में करानी चाहिए | परयाग्राज, वाराणसी, गया
इत्यादि जगहों पर भी पित्र दोष पूजा करा सकते है। मूल रूप से पितृ दोष निवारण हेतु नारायणबली पूजा, नागबली पूजा और त्रिपिंडी पूजा कराई जाती है साथ में अपने पितरों का एवं पूर्वजों का पिंड दान भी करवा लेना चाहिए ।
पितृ दोष के लक्षण -
बिना जन्म पत्रिका के भी जानें और समझे की किन किन परिस्थितियों में आपको या आपके परिवार को पितृ दोष लगा हुआ हो सकता है -
1.) घर में, अपने वंशावली में या अपने खानदान में किसी कि मृत्यु समय पूर्व या कम आयु में हो जाती हो, कोई पारिवारिक सदस्य की मृत्यु दुर्घटना में, आग से जल के, पानी में डुब के, जहर खाके हो, किसी के द्वारा हत्या कर दी जाए या किसी प्राकृतिक आपदा जैसे - महामारी, बाढ़, इत्यादि तो ऐसे में ये समझना चाहिए की आपके परिवार एवं आपके वंश में पितृ दोष लगा हुआ है अतः इसका निवारण हरिद्वार , गया इत्यादि जगहों पर जाके करा लेना चाहिए।
2.) घर परिवार में बिना किसी बात के कलह वाद-विवाद होता रहे तो पितृ दोष समझना चाहिए।
3.) परिवार में नवदम्पत्ति को संतान प्राप्ति में समस्या आए, पुत्र संतान जन्म ना ले, संतान जन्म लेते हीं मर जाए, संतान जन्म से ही दोष युक्त हो तो पितृ दोष समझना चाहिए।
4.) परिवार पर बार बार अनचाहा संकट आते रहे, परिवार में सुख शांति ना रहे, परिवार को बार बार बदनामी सहना पड़े, परिवार में प्रायः सभी लोग बार बार के रोग बीमारी से परेशान रहें, परिवार में अच्छा कमाने पर भी आर्थिक संकट बना रहे, जीवन में बेवजह के संघर्ष देखना पड़े, भाग्य साथ ना दे तो ऐसे में पितृ दोष लगा हुआ है ऐसा समझना चाहिए।
5.) परिवार के किसी एक सदस्य को या सभी को अगर सपने में अपने मरे हुए परिजन बार बार दिखाई दे, या घर में किसी ऊपरी बाधा या मृत परिजनों की आत्मा का अनुभव हो की वो घर में ही घुम रहें है तो भी पितृ दोष है ऐसा समझना चाहिए।
नोट -
आप इन विभिन्न जगहों पर पितृ दोष निवारण पूजा करा सकते हैं -
हरिद्वार, वाराणसी, प्रयागराज, गया, उज्जैन, त्रयंबकेश्वर इत्यादि।