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Mahamrityunjay Puja In Haridwar

रुद्राभिषेक एवं महामृत्युंजय जाप एवं हवन कब और किन परिस्थितियों में कराना चाहिए यह जानें -

  1. कुंडली या हस्तरेखा में अकाल मृत्यु का भय दिख रहा हो तब।
  2. कुंडली में मारकेश की अवधि नजदीक आ रही हो या आ चुकी हो तब।
  3. हस्तरेखा में बायें या दायें हाथ किसी में भी जीवन रेखा अचानक से छोटी होने लगे या मिटने लगे या रुक जाए या जीवन रेखा पर बड़ा सा क्रॉस का निशान हो तब।
  4. हस्तरेखा में शनि पर्वत पर क्रॉस हो तो, शनि पर्वत अत्यधिक दबा हुआ हो या अत्यधिक उठा हुआ हो या शनि पर्वत पर भाग्य रेखा नहीं पहुंच पा रही हो तब।
  5. हस्तरेखा में चंद्र पर्वत बहुत धसा या दबा हुआ हो या बहुत ज्यादा उठा हो तब।
  6. कुंडली में शनि नकारात्मक फल दे रहा हो और शनि की ढैया या शनि की साढ़ेसाती या शनि की महादशा या शनि की अंतर्दशा चल रही हो तब।
  7. कुंडली में राहु नकारात्मक फल दे रहा हो और राहु की महादशा या अंतर्दशा चल रही हो तब।
  8. कुंडली में चंद्रमा नीच का हो या अति उग्र हो या चंद्रमा-राहु, चंद्रमा-केतु एक साथ होकर चंद्र ग्रहण दोष बना रहा हो या चंद्रमा पर शनि राहु या केतु की दृष्टि पड़ रही हो या शनि एवं चंद्रमा एक साथ एक ही घर में हो और विष दोष बना रहा हो तो रुद्राभिषेक एवं महामृत्युंजय जाप करवाना चाहिए।
  9. विवाह हेतु वर-वधू की कुंडली मिलान करवाने पर नाड़ी दोष लग रहा हो अर्थात लड़का और लड़की दोनों की नाड़ी समान हो तब नाड़ी दोष से मुक्ति के लिए महामृत्युंजय जाप एवं हवन करवाना चाहिए।
  10. कुंडली में आंशिक या पूर्ण कालसर्प दोष लग रहा हो तब।
  11. बार-बार सर्प के सपने आते हों, सामान्य से ज्यादा सर्प से डर लगता हो, सर्पदश का भय हो, वास्तविक में बार-बार सर्प से सामना होता हो, घर में बार-बार सर्प निकलते रहते हो, तब महामृत्युंजय जाप जरूर करवाना चाहिए।
  12. भूत-पिशाच, जादू-टोना, ऊपरी बाधा, तंत्र-मंत्र जैसे कोई समस्या हो तब।
  13. किसी अनहोनी की आशंका हो भविष्य में किसी अनजाने भय से डरे हो तब।
  14. किसी भी तरह से जीवन या आयु पर संकट हो तब।
  15. बार-बार दुर्घटना हो जाती हो तब।
  16. किसी गंभीर बीमारी या लाइलाज बीमारी से परेशान हो तब।
  17. किसी गंभीर बीमारी का लास्ट स्टेज हो तब।
  18. जीवन बचाने का जब कोई उम्मीद बाकी नहीं रहे तब।
  19. मरीज की हालत अत्यंत खराब होने लगे जिंदा रहने की उम्मीद कम हो तब।
  20. मन में क्या दिमाग में मौत का भय सताता रहता हो तब।
  21. किसी दुश्मन द्वारा आघात की आशंका हो तब।
  22. कोई अत्यधिक शारीरिक जोखिम वाला काम शुरू करने से पूर्व महामृत्युंजय जाप करवा लेना चाहिए।
  23. शासन या सत्ता से भय हो या किसी नुकसान की संभावना हो तब।
  24. सकारात्मक कार्य को शुरू करने के बाद बार-बार बाधाएं या अड़चनें आने लगे और असफलता का मुंह देखना पड़े तब।
  25. भाग्य बेहद कमजोर हो, बार-बार दुर्भाग्य का सामना करना पड़े तब।
  26. किसी बड़ी चीज के खोने का डर हो जैसे नाम-प्रतिष्ठा, पद, सत्ता, धन, संपत्ति, वैभव, शोहरत इत्यादि तब।
  27. बार-बार व्यापारियों नौकरी में आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता हो तब।
  28. जमीन जायदाद से संबंधित अति गंभीर समस्या हो तब।
  29. घर में या परिवार में मतभेद एवं पारिवारिक कलह हद से ज्यादा बढ़ गया हो तब।
  30. मन धार्मिक कार्यों से विरक्त होता जा रहा हो, धार्मिक आस्था घटती जा रही हो, नास्तिक बन रहे हो तब महामृत्युंजय जाप एवं हवन कराने से पुनः मन शांत होता है और ईश्वर पर आस्था भी बनी रहती है।
  31. शिव भक्ति, शिव आराधना, शिव कृपा एवं पाप मुक्ति के लिए भी रुद्राभिषेक एवं महामृत्युंजय जाप और हवन करवाना चाहिए।

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